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1857 की जंगे आजादी के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी,प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के सूत्रधार अमर शहीद मातादीन भंगी जी की जंयती की हार्दिक बधाईयां एवं शत्-शत् नमन —

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                29,नवंबर,1857          वो थे इसलिए आज हम है!                इतिहास के पन्नों से  — 1857 की जंगे आजादी के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी,प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के सूत्रधार अमर शहीद मातादीन भंगी जी की जंयती की हार्दिक बधाईयां एवं शत्-शत् नमन —           — जीना है स्वाभिमान से संघर्ष तो करना होगा जैसे निकलते हैं काम पर,वैसे ही निकलना होगा मैदान में —           — जब जरूरत थी चमन को तो लहू हमने दिया,अब बहार आई तो कहते हैं तेरा काम नहीं — — भारतवर्ष के स्वतंत्रता संग्राम के बहुजन नायक,एक सलाम गुमनाम बहुजन योद्धाओ के नाम क्रांतिकारी अमर शहीद मातादीन भंगी की बारे में आपको बमुश्किल पढ़ने मिलेगा। 1857 की क्रांति के बीज रोपने वाला कोई और व्यक्ति नहीं बल्कि मातादीन भंगी ही थे — — साथियों 8 अप्रैल 1857 को पहली फाँसी मातादीन भंगी को हुई, उसके बाद मंगल पांडे और बाकी गिरफ्तार सैनिकों को। इस केस में फाँसी पहले दी गई और बाद में कोर्ट मार्शल किया गया इस मुकदमे का नाम ही “ब्रिटिश सरकार बनाम मातादीन” था —

Father of the Indian Social Revolution,महिलाओं में शिक्षा अलख जगाने वाले सामाजिक,शैक्षणिक क्रांति के पुरोधा राष्ट्रपिता,महात्मा ज्योतिवाराव फुले जी के परिनिर्वाण दिवस पर शत्-शत् नमन एंव विनम्र श्रद्धांजलि

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         28,नवंबर,1890     वो थे इसलिए आज हम हैं !         इतिहास के पन्नों से     — भारत के शोषितों वंचितों पिछड़ों,बहुजन क्रांति के  ध्वजवाहक,भारत में सामाजिक क्रांति के पितामह Father of the Indian Social Revolution,मानवता के प्रचारक महिलाओं में शिक्षा अलख जगाने वाले सामाजिक,शैक्षणिक क्रांति के पुरोधा राष्ट्रपिता,बहुजन नायक,शिक्षा के अग्रदूत राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिवाराव फुले जी के परिनिर्वाण दिवस पर शत्-शत् नमन एंव विनम्र श्रद्धांजलि — — जब जरूरत थी चमन को तो लहू हमने दिया,अब बहार आई तो कहते हैं तेरा काम नहीं —         — राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिबा फुले (Jyotirao Govindrao Phule ) ऐसे योद्धा,महामानव का नाम है,जिन्होंने शोषण के विरुद्ध आवाज बुलंद की उपेक्षितों को उनका हक दिलाने के लिए जीवन समर्पित कर दिया —       — राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिबा फुले ने अपना पूरा जीवन समाज में वंचित तबके खासकर स्त्री और दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष में बीता दिया —     — राष्ट्रपिता महात्मा ज्य