विद्यार्थी दिवस

    
  

7,नवंबर,1900
  वो थे इसलिए आज हम हैं !
         इतिहास के पन्नों से

       📕📕
— सभी देशवासियों को (परमपूज्य बोधिसत्व भारत रत्न,भारतीय संविधान के शिल्पकार बाबा साहेब डा.भीमराव अम्बेडकर जी) विद्यार्थी दिवस की हार्दिक शुभेच्छा —         
      — बहुजन इतिहास व समाज की ऐतिहासिक व महत्वपूर्ण तिथि है और होनी भी चाहिए क्योंकि परमपूज्य बोधिसत्व भारत रत्न,भारतीय संविधान के शिल्पकार बाबा साहेब डा.भीमराव अम्बेडकर जी ने आज ही के दिन 7 नवंबर 1900 को पहली बार बाबासाहेब डा भीमराव अम्बेडकर जी ने सतारा के प्रतापसिंह हाईस्कूल, राजवाड़ा चौक, जिला-सतारा में  प्रथम बार स्कूल में प्रवेश लिया और विद्यार्थी जीवन की शुरुआत की और उच्च शिक्षा प्राप्त कर और विद्यार्थियों के प्रेरणाश्रोत बने 
उनके इस दिन को विद्यार्थी दिवस के
  — इसी दिन से उनके शैक्षणिक जीवन की शुरुआत हुई थी, उस समय उन्हें भीमा कहकर बुलाया जाता था। स्कूल में उस समय उनका नाम रजिस्टर में क्रमांक- 1914 पर अंकित था। जिसके सामने आज भी बालक भीमराव के हस्ताक्षर मौजूद हैं। इस ऐतिहासिक दस्तावेज़ को स्कूल प्रशासन ने बड़े सम्मान और गर्व के साथ सहेज रखा है — 
   — उनके स्कूल में प्रवेश लेने की महत्वपूर्ण घटना एक अर्थ में डॉ. बी.आर. अम्बेडकर जी के जीवन में शिक्षा के कारण ही क्रांति कर सके, जिससे भारतीय समाज में अभूतपूर्व क्रांति हुई करोड़ों लोगों के लिए किया जीवन भर संघर्ष शिक्षा पाकर प्रबुद्ध बने बाबासाहेब लाखों-करोड़ों लोगों (जो सदियों से वंचित थे) का ऊद्धार किया — 
        — सम्पूर्ण विश्व में आदर्श संविधान और भारतीय लोकतंत्र को आकर देने वाले महान शिल्पकार के रूप में बाबासाहेब गौरव बने। उनके कारण ही भारतीय समाज में स्वतंत्रता, समानता, बंधुता एवं न्याय के मानवीय मूल्य के बीज रोपित हो सकें। वे आजन्म विद्यार्थी रहे, और अपनी अंतिम सांस तक शिक्षा ग्रहण की । इसलिए उनके स्कूल प्रवेश दिवस को अत्यंत महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना मानते हुए विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय महाराष्ट्र सरकार द्वारा लिया गया है — 



 — साथियों प्रत्येक विद्यार्थी देश का भविष्य है, इसलिए आदर्श विद्यार्थी के निर्माण के लिए विद्यार्थी के रूप में सबसे उच्च आदर्श डॉ. बी आर. अम्बेडकर का जीवन अनुकरणीय है, ताकि विद्यार्थी उनसें प्रेरणा प्राप्त कर सकें — 
साभार-महाराष्ट्र न्यूज पेपर,विकिपीडिया
   — साथियों हम लोग गणतंत्र के महानायक परमपूज्य बोधिसत्व भारत रत्न बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर जी का हमेशा ऋणी रहेगा जिन्होंने समता समानता पर आधारित दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान दिया — 
      — परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर जी ने आजाद भारत में सभी वर्गो की भागीदारी सुनिश्चित  की.शोषित समाज को जागृत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा —
          —  सामाजिक क्रांति के महानायक आदिवासी,नारियों, पिछड़ों,शोषितों,वचिंतों के मशीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा.बी.आर. अम्बेडकर जी अमर रहें 
      —परमपूज्य बाबा साहेब डा. बी.आर. अम्बेडकर जी ऐसे महायोद्धा का नाम है, जिसने शोषण के विरुद्ध आवाज बुलंद की और उपेक्षितों को उनका हक दिलाने के लिए जीवन समर्पित कर दिया —


       — जातिगत भेदभाव पांखडवाद ,दासता को बढाने वालों  के खिलाफ वास्तविक और ठोस लड़ाई छेड़ने वालों में बाबा साहेब जी का उल्लेखनीय नाम है —
        — बहुजनों के इस अप्रितम योद्धा,  क्रांतिकारी लेखक, प्रकाशक,सविधान के निर्माता,नारी के मुक्ति दाता,गूंगो को जुबान देने वाले ,मजदूरों के मशीहा महामानव परमपूज्य बोधिसत्व बाबा साहेब जी के चरणों में मैं अमित गौतम जंनपद -रमाबाई नगर कानपुर कोटि-कोटि नमन करता हूं —
—परमपूज्य,बोधिसत्व, भारतरत्न, आधुनिक भारतीय संविधान के शिल्पकार,आजाद भारत के प्रथम कानून मंत्री, महान अर्थशास्त्री, महामानव,महिलाओं के अधिकारों के रक्षक, महिला सशक्तिकरण के महानायक,मजूदरों के मशीहा, अखंड भारत को एक सूत्र में बांधने वाले,बहुजनों के पैरों से गुलामी की जंजीरों को काटनें वाले, सर्व समाज की नारी को सम्मान दिलाने वाले, गूंगों को जुबान,बहरों को कान,अंधो को आंख देने वाले  परम पूज्य महामानव,बोधिसत्व भारत रत्न बाबासाहेब डा भीमराव अम्बेडकर जी के चरणों मे कोटि-कोटि नमन —
       —आधुनिक भारत के लिए महत्त्वपुर्ण योगदान और देश इंसानों के जीवन में अद्वितीय बदलाव लाने वाले महान शख्सियत परम पूज्य बोधित्सव बाबासाहेब डा भीमराव  आंबेडकर जी के चरणों में मैं कोटि-कोटि नमन करता हूं —
       —परम पूज्य बोधिसत्व भारत रत्न डा बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर जी ऐसे योद्धा, महामानव का नाम है, जिन्होंने शोषण के विरुद्ध आवाज बुलंद की उपेक्षितों को उनका हक दिलाने के लिए जीवन समर्पित कर दिया —
        —साभार-: बहुजन समाज और उसकी राजनिति,मेरे संघर्षमय जीवन एवं बहुजन समाज का मूवमेंट,दलित दस्तक,समय बुद्धा,विकिपीडिया,लेख के कुछ अंश अम्बेडकर टाइम के लेख से लिए गये हैं —
―सम्मानित साथियों हम लोग गणतंत्र के महानायक परमपूज्य बोधिसत्व  बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर जी के हमेशा ऋणी रहेगे —
     ―जिन्होंने समता समानता पर आधारित दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान दिया परमपूज्य बोधिसत्व बाबा साहेब अम्बेडकर जी ने आजाद भारत में सभी वर्गो की भागीदारी सुनिश्चित  की !
    ―साथियों आधुनिक भारत के निर्माता बाबा साहेब डॉ.भीमराव अम्बेडकर जी ने भारतवर्ष को आधुनिक भारत बनाने के लिए बहुत संघर्ष किया है,भारत रत्न से अलंकृत बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी का भारत वर्ष के लिए किए गये अथक योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता ,धन्य है वो भारत भूमि और वो भीमा माई जिसने ऐसे महान सपूत को जन्म दिया !
    ―आधुनिक भारत के लिए महत्त्वपुर्ण योगदान और देश इंसानों के जीवन में अद्वितीय बदलाव लाने वाले महान शख्सियत परम पूज्य बोधित्सव बाबासाहेब डा भीमराव  आंबेडकर जी के चरणोंमें कोटि-कोटि नमन करता हूं !
   ―विशेष साभार-: बहुजन समाज और उसकी राजनीति,मेरे संघर्षमय जीवन एवं बहुजन समाज का मूवमेंट,दलित दस्तक,फारवर्ड प्रेस―
    ―ऐसे महान अर्थशास्त्री,महामानव,आधुनिक भारत के युगप्रवर्तक के चरणों में शत्-शत् नमन―
         ― सच अक्सर कड़वा लगता है। इसी लिए सच बोलने वाले भी अप्रिय लगते हैं,सच बोलने वालों को इतिहास के पन्नों में दबाने का प्रयास किया जाता है,पर सच बोलने का सबसे बड़ा लाभ यही है,कि वह खुद पहचान कराता है और घोर अंधेरे में भी चमकते तारे की तरह दमका देता है। सच बोलने वाले से लोग भले ही घृणा करें, पर उसके तेज के सामने झुकना ही पड़ता है। इतिहास के पन्नों पर जमी धूल के नीचे ऐसे ही   बाबा साहेब अम्बेडकर जी का नाम दबा है —
     ―मां कांशीराम साहब जी ने एक एक बहुजन नायक को बहुजन से परिचय कराकर, बहुजन समाज के लिए किए गए कार्य से अवगत कराया सन 1980 से पहले भारत के  बहुजन नायक भारत के बहुजन की पहुँच से दूर थे,इसके हमें निश्चय ही मान्यवर कांशीराम साहब जी का शुक्रगुजार होना चाहिए जिन्होंने इतिहास की क्रब में दफन किए गए बहुजन नायक/नायिकाओं के व्यक्तित्व को सामने लाकर समाज में प्रेरणा स्रोत जगाया —
   ―इसका पूरा श्रेय मां कांशीराम साहब जी को ही जाता है कि उन्होंने जन जन तक गुमनाम बहुजन नायकों को पहुंचाया, मां कांशीराम साहब के बारे में जान कर मुझे भी लगा कि गुमनाम बहुजन नायकों के बारे में लिखा जाए —
          ―ऐ मेरे बहुजन समाज के पढ़े लिखे लोगों जब तुम पढ़ लिखकर कुछ बन जाओ तो कुछ समय ज्ञान,पैसा,हुनर उस समाज को देना जिस समाज से तुम आये हो —
      ―साथियों एक बात याद रखना आज करोड़ों लोग जो बाबासाहेब जी,माँ रमाई के संघर्षों की बदौलत कमाई गई रोटी को मुफ्त में बड़े चाव और मजे से खा रहे हैं ऐसे लोगों को इस बात का अंदाजा भी नहीं है जो उन्हें ताकत,पैसा,इज्जत,मान-सम्मान मिला है वो उनकी बुद्धि और होशियारी का नहीं है बाबासाहेब जी के संघर्षों की बदौलत है —
       ―साथियों आँधियाँ हसरत से अपना सर पटकती रहीं,बच गए वो पेड़ जिनमें हुनर लचकने का था —
       ―तमन्ना सच्ची है,तो रास्ते मिल जाते हैं,तमन्ना झूठी है,तो बहाने मिल जाते हैं,जिसकी जरूरत है रास्ते उसी को खोजने होंगें 
निर्धनों का धन उनका अपना संगठन है,ये मेरे बहुजन समाज के लोगों अपने संगठन अपने झंडे को मजबूत करों शिक्षित हो संगठित हो,संघर्ष करो —
      ―साथियों झुको नही,बिको नहीं,रुको नही, हौसला करो,तुम हुकमरान बन सकते हो,फैसला करो हुकमरान बनो"—
       ―सम्मानित साथियों हमें ये बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि हमारे पूर्वजों का संघर्ष और बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। हमें उनके बताए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए —
        ―सभी अम्बेडकरवादी भाईयों, बहनो,को नमो बुद्धाय सप्रेम जयभीम! सप्रेम जय भीम —
              ―बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर  जी ने कहा है जिस समाज का इतिहास नहीं होता, वह समाज कभी भी शासक नहीं बन पाता… क्योंकि इतिहास से प्रेरणा मिलती है, प्रेरणा से जागृति आती है, जागृति से सोच बनती है, सोच से ताकत बनती है, ताकत से शक्ति बनती है और शक्ति से शासक बनता है !”
        ― इसलिए मैं अमित गौतम जनपद-रमाबाई नगर कानपुर आप लोगो को इतिहास के उन पन्नों से रूबरू कराने की कोशिश कर रहा हूं जिन पन्नों से बहुजन समाज का सम्बन्ध है जो पन्ने गुमनामी के अंधेरों में खो गए और उन पन्नों पर धूल जम गई है, उन पन्नों से धूल हटाने की कोशिश कर रहा हूं इस मुहिम में आप लोगों मेरा साथ दे, सकते हैं !
           ―पता नहीं क्यूं बहुजन समाज के महापुरुषों के बारे कुछ भी लिखने या प्रकाशित करते समय “भारतीय जातिवादी मीडिया” की कलम से स्याही सूख जाती है !.इतिहासकारों की बड़ी विडम्बना ये रही है,कि उन्होंने बहुजन नायकों के योगदान को इतिहास में जगह नहीं दी इसका सबसे बड़ा कारण जातिगत भावना से ग्रस्त होना एक सबसे बड़ा कारण है इसी तरह के तमाम ऐसे बहुजन नायक हैं,जिनका योगदान कहीं दर्ज न हो पाने से वो इतिहास के पन्नों में गुम हो गए !
     ―उन तमाम बहुजन नायकों को मैं अमित गौतम जंनपद   रमाबाई नगर,कानपुर कोटि-कोटि नमन करता हूं —
जय रविदास
जय कबीर
जय भीम
जय नारायण गुरु
जय सावित्रीबाई फुले
जय माता रमाबाई अम्बेडकर जी
जय ऊदा देवी पासी जी
जय झलकारी बाई कोरी
जय बिरसा मुंडा
जय बाबा घासीदास
जय संत गाडगे बाबा
जय पेरियार रामास्वामी नायकर
जय छत्रपति शाहूजी महाराज
जय शिवाजी महाराज
जय काशीराम साहब
जय मातादीन भंगी जी
जय कर्पूरी ठाकुर 
जय पेरियार ललई सिंह यादव
जय मंडल
जय हो उन सभी गुमनाम बहुजन महानायकों की जिंन्होने अपने संघर्षो से बहुजन समाज को एक नई पहचान दी,स्वाभिमान से जीना सिखाया !
              
             अमित गौतम
             युवा सामाजिक
                कार्यकर्ता         
              बहुजन समाज
  जंनपद-रमाबाई नगर कानपुर
           सम्पर्क सूत्र-9452963593





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